U.P.Gov.Reg.no. 615 /16-17 मनुष्य की सहायता प्रथम धर्म है। उ.प्र.सरकार पंजी. सं. 615 /16-17
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आप सभी लोग सोच रहे होंगे। कि अब तक की विश्व में फैली सबसे बड़ी महामारी, त्रासदी खत्म हो जाएगी। तो पूरा जीवन सुखमय हो जाएगा। सब अच्छा हो जाएगा। सब पहले जैसा हो जाएगा। लेकिन आप सोचिए। जब द्वितीय विश्व युद्ध हुआ था। उस समय हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराया गया था। जिससे दोनों शहर मटिया मेट हो गए थे। उसके बाद से पूरे विश्व में परमाणु बम बनाने की होड़ लग गई। सभी देश अपनी - अपनी आय का बहुत बड़ा हिस्सा परमाणु बम के निर्माण में खर्च करने लगे। जिसका परिणाम यह हुआ। कि विश्व के तमाम देशों ने परमाणु बम बना लिए। परमाणु बम का निर्माण इतने बड़े स्तर पर किया गया। कि अगर उसका उपयोग किया गया। तो धरती पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। आप को लगता नही की अब कोरोना नमक बायोलॉजिकल हथियार जो पूरे विश्व का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। विश्व के शक्तिशाली से शक्तिशाली देश घुटने टेक चुके हैं। बड़े स्तर पर बेरोजगारी और भुखमरी का सामना विश्व के तमाम देश कर रहे हैं। तो क्या आपको यह नहीं लगता कि इस कोरोना के समाप्त हो जाने के बाद, विश्व के सभी देशों में बायोलॉजिकल हथियार बनाने की होड़ लगेगी। अब सभी देश बायोलॉजिकल हथियार बनाने में जुटेगे। जिसका परिणाम अब आने वाली पीढ़ी को भुगतना पड़ेगा। अगर गलती से भी यह बायोलॉजिकल हथियार लैब से बाहर आते हैं। तो पूरा जनजीवन अस्त व्यस्त और समाप्ति के कागार ला देगें। अब तो पूरा जीवन ही संकट में रहेगा। और आने वाली पीढ़ी का भी जीवन संकट में ही रहेगा। क्योंकि अब तो पूरा विश्व बायोलॉजिकल हथियार बनाएगा जिससे जन जीवन सदैव संकट में रहेगा।
लेखनी - शशि शंकर पटेल जी ( सचिव - यू.एस.एस.फाउण्डेशन )