U.P.Gov.Reg.no. 615 /16-17 मनुष्य की सहायता प्रथम धर्म है। उ.प्र.सरकार पंजी. सं. 615 /16-17
USS Foundation India
आज पूरा विश्व संकटों से गुजर रहा है। और हमसबलोग आस लगाए बैठे हैं। कि यह संकट खत्म होगा। और पूरा जीवन सुखमय हो जाएगा। क्या लगता है। कि ऐसा होगा, नहीं क्योंकि अभी तो संकटों का दौर शुरू हुआ है। हम सब ने अपने स्वार्थ और हितों के लिए कार्य किया है। उन सभी वस्तुओं का बेतहाशा दोहन किया है। जो हमारी सुख-सुविधाओं को पूरा कर सकें। आप का यह अधिकार भी है। कि अपनी सुविधाओं के लिए ईश्वर द्वारा प्राप्त बहुमूल्य प्राकृतिक चीजों का उपयोग करें। लेकिन हमने उसके बदले दिया क्या है। हमारा भी उसके बदले कुछ देने का हक है। मेरा बस यही कहना है कि अगर आपके पास जगह नहीं है तो, आप सभी घरों में गमलों में ही तुलसी या औषधीय पौधे लगाएं। प्रकृति को स्वच्छ एवं साफ करने में अपना अमुल्य सहयोग प्रदान करें। नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब हमें पैसे देने के बाद भी स्वच्छ हवा, स्वच्छ पानी नहीं मिल पाएगा। आज स्थिति ऐसी है। कि बड़े शहरों में ऑक्सीजन पैकेट में बिकने लगा है। लोग शौक से खरीदते हैं। लेकिन वह शौक एक दिन मजबूरी हो जाएगी। और सब को मजबूरी में खरीदना पड़ेगा। "जिस तरह आज हम सभी लोग शहरों में मजबूरी में स्वच्छ पानी खरीद कर पीते है।" बस आपसे अनुरोध है। की आपके पास जगह नहीं है। तो अपने घर में गमले में ही पौधे लगाए।
"पेड़ो को काटकर हमने क्या खूब तरक्की लाई है। प्रदूषण को कोसते है, जबकि ये समस्या हमने बनाई है।"
लेखनी - शशि शंकर पटेल जी ( सचिव - यू.एस.एस.फाउण्डेशन )