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 सदस्य विवरण

 सदस्य सम्मान

U.P.Gov.Reg.no. 615 /16-17 मनुष्य की सहायता प्रथम धर्म है। उ.प्र.सरकार पंजी. सं. 615 /16-17

USS Foundation India

जब हम राष्ट्र एवं समाज के लिए अच्छा कार्य करते हैं। तो सदैव अच्छे लोग आपके साथ खड़े हो जाते हैं। जो सदैव आपका सहयोग और साथ देते रहते हैं। मेरे हृदय प्रिये बड़े भैया विनय मालवीय जी एवं शिवम मालवीय जी जिन्होंने सदैव मेरा सहयोग एवं साथ दिया है। जो अपने मार्गदर्शन से संस्था को सदैव आगे बढ़ाया है। नागपुर से महादेव की नगरी में उपस्थित हुए। हम सभी लोग उनका हृदय से बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार व्यक्त करते हैं। ईश्वर सदैव उनको खुश रखें। बाबा विश्वनाथ एवं माता अन्नपूर्णा आपके चेहरे पर सदा मुस्कान बनाए रखें। आप सदैव खुश एवं स्वस्थ है भैया।


राष्ट्रप्रेम एवं देशभक्ति की भावना के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वाह करना| जिनका उद्देश्य ही है, राष्ट्र एवं समाज की भलाई जिन्होंने सदैव हर एक सामाजिक कार्यों में हिस्सा लिया है| जो सदैव समाज के हर एक व्यक्ति के साथ मिलकर समाज के उत्थान के लिए सदैव कार्य करते रहते हैं| संदीप मिश्रा भैया इन्होंने सदैव अपने कार्यों से समाज में नई ऊर्जा, नई चेतना का विकास किया है| इनके विचार ही हजारों युवाओं के प्रेरणा स्रोत है| इनका सदैव उद्देश रहा है कि, आने वाली पीढ़ी के अंदर देश भक्ति की भावना जागृत रहे सदैव राष्ट्र की भलाई के लिए कार्य करते रहें| इन्होंने सेवा और समर्पण से कभी भी अपने पांव पीछे नहीं खींचा| इन्होंने सदैव अपने जीवन में कर्तव्यों का निर्वाह करते आए हैं| आपका बहुत-बहुत धन्यवाद भैया ईश्वर की कृपा आप पर सदैव बनी रहे|


यू.एस.एस.फाउंडेशन द्वारा संचालित स्वस्थ भारत संस्थान के वरिष्ठ सहयोगी सदस्य डॉक्टर गौरी शंकर दुबे जी इनकी सेवा ही पहचान है। जो किसी भी मरीज को स्वास्थ्य शिविर से निराश नहीं भेजते। जो कैंप के अंतिम समय तक मरीजों की समस्याओं को सुनते रहते हैं। जब तक वह स्वास्थ्य शिविर में बैठे हैं। संस्था ने इनके सहयोग से हजारों मरीजों को रोगों से मुक्त किया है। इस कोरोना काल में भी उन्होंने पूरी लगन के साथ हजारों मरीजों को ठीक किया है। डॉ गौरी शंकर दुबे जी, जिनके चेहरे पर सदैव मुस्कान बनी रहती है। जो सदैव मुस्कुराकर ही मरीजों का हालचाल पूछते हैं। जिनका उद्देश्य ही है। समाज की भलाई, अपने कर्तव्य से कभी जिन्होंने पांव पीछे नहीं खींचा, लॉक डाउन होने के बाद भी अपनी सेवा लगातार फोन कॉल पर देते रहे हैं। जिनपर सदैव प्रभु की छत्रछाया बनी रहती है। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।


प्रभु का नाम जिनके जुबान पर रहता है। प्रभु जिनके साथ हैं। प्रभु की छत्रछाया में जिनका निवास स्थान है। यू.एस.एस.फाउंडेशन आजीवन सदस्य माननीय श्रीमान सूर्यमणि चौबे गुरु जी ( पूर्व भारतीय स्टेट बैंक मैनेजर ) जिन्होंने सदैव प्रभु के गुणगान में अपना जीवन दान किया है। उन्होंने विश्व रूपी भयंकर महामारी में संस्था के साथ मिलकर तमाम जरूरतमंद समाज के लोगों की सेवा किया है। उन्होंने अपना जीवन एक सेवक के रूप में व्यतीत किया है। वह समाज के कार्यों में भी हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने अपने जीवन में अनेक शादियां कराई है। जिसका सारा खर्च स्वयं वहन करते हैं। वह संस्था के साथ मिलकर समाज के उन सभी जरूरतमंद लोगों के साथ खड़े हैं। और वह पूरा तन मन धन से समाज की भलाई के लिए सदैव संस्था से जुड़े हैं। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद यू.एस.एस.फाउंडेशन द्वारा संचालित स्वस्थ भारत संस्थान के वरिष्ठ सहयोगी सदस्य डॉक्टर गौरी शंकर दुबे जी इनकी सेवा ही पहचान है। जो किसी भी मरीज को स्वास्थ्य शिविर से निराश नहीं भेजते। जो कैंप के अंतिम समय तक मरीजों की समस्याओं को सुनते रहते हैं। जब तक वह स्वास्थ्य शिविर में बैठे हैं। संस्था ने इनके सहयोग से हजारों मरीजों को रोगों से मुक्त किया है। इस कोरोना काल में भी उन्होंने पूरी लगन के साथ हजारों मरीजों को ठीक किया है। डॉ गौरी शंकर दुबे जी, जिनके चेहरे पर सदैव मुस्कान बनी रहती है। जो सदैव मुस्कुराकर ही मरीजों का हालचाल पूछते हैं। जिनका उद्देश्य ही है। समाज की भलाई, अपने कर्तव्य से कभी जिन्होंने पांव पीछे नहीं खींचा, लॉक डाउन होने के बाद भी अपनी सेवा लगातार फोन कॉल पर देते रहे हैं। जिनपर सदैव प्रभु की छत्रछाया बनी रहती है। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।


अपने कर्तव्य पथ पर सदैव चलते रहना। आपने कार्यों से कभी विमुख ना होना। सदैव कर्तव्यों का निर्वाह करते रहना। अरुण चौहान भैया जी जो सदैव समाजिक कार्यों में हिस्सा लेते रहते हैं। सदैव अपने बातों विचारों और कार्यों से लोगों को प्रोत्साहित एवं प्रभावित करते रहते हैं। जिन्होंने सदैव समाज की भलाई में अपना योगदान दिया है। सेवा ही उद्देश्य रहा है। सदैव संस्था के साथ समाजिक कार्यों में हिस्सा लेते रहते हैं। समाज में दीन दुखियों कि मदद करते रहते हैं। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद भैया।


संस्था के साथ मिलकर दीन दुखियों की सेवा करना। संस्था के कार्यों में सम्मिलित रहना। और सदैव समाज के हित के बारे में सोचना। विशाल नारायण सिंह भैया जी, अपने कार्यों कर्तव्यों से सदैव अपनी पहचान बनाए रखते हैं। उन्होंने सदैव समाज के हित के बारे में सोचा हैं। और अपना कर्तव्य निभाते रहते हैं। व्यक्तित्व एवं व्यवहार के धनी इंसान है। संस्था को अपना सहयोग सदैव देते रहते हैं। उन्होंने सदैव संस्था में पढ़ने वाले बच्चों की भलाई के लिए अपना पूर्ण सहयोग दिया है। संस्था उनके कार्यों की सराहना करती है। उनके सदैव सुखमय एवं आनंदमय जीवन की कामना करती है। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद भैया।


जिस तरह फलदार वृक्षों में फल लगने के बाद डालियां झुक जाती हैं। उसी तरह हमारे हृदय प्रिये बड़े भैया कवि दमदार बनारसी जी सर्वगुण संपन्न है। उन्होंने देश में तथा देश के बाहर भी कविताएं किया हुआ है। उन्होंने अनेकों न्यूज़ चैनलों पर भी कविताएं किया हुआ है। लेकिन उनमें नाम मात्र का भी अहंकार नहीं है। वह सदैव दूसरों को आदर, मान और सम्मान देते हैं। कभी अपने आप को बड़ा नहीं दिखाते, सदैव दूसरों के सामने नतमस्तक हो जाते हैं। सदैव सामने वाले से हंसकर ही बात करते हैं। कभी किसी को दुख नहीं पहुंचाते। वह अपनी वाणी की मिठास से सब के दुख को कम करने की कोशिश करते हैं। इसी कारण वह बनारस वासियों तथा बनारस के बाहर के लोगों के हृदय प्रिये बने हुए हैं। हमें गर्व है भैया कि आप हमारे बड़े भाई हैं। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद भैया।


          संस्था में गाया जाने वाला प्रार्थना    
            ।। जयति जय जय माँ सरस्वती  ।।
                   जयति वीणा धारणी
                  जयति पद्मासना माता
                  जयति शुभ वरदायिनी
                जगत का कल्याण कर माँ
                तुम हो विघ्न विनाशिनी
            ।। जयति जय जय माँ सरस्वती  ।।
               कमल आसन छोड़ कर माँ
                 देख जग की वेदना
               शान्ति की सरिता बहा दे
              फिर से जग में जननी माँ
           ।। जयति जय जय माँ सरस्वती  ।।
           ।। जयति जय जय माँ सरस्वती  ।।
           ।। जयति जय जय माँ सरस्वती  ।।
                    
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