U.P.Gov.Reg.no. 615 /16-17 मनुष्य की सहायता प्रथम धर्म है। उ.प्र.सरकार पंजी. सं. 615 /16-17
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जब कोरोना की शुरुआत हुई। तो बाजार से सैनिटाइजर खत्म हो गए। सब लोगों ने काफी भारी मात्रा में सैनिटाइजर का उपयोग किया। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। दूरियां बनाएं रखा। और मास्क का भी उपयोग किया। अर्थात जब कोरोना की शुरुआत हुई, तो हम सभी लोगों ने मिलकर कोरोना को मात देने के लिए कोरोना को हराने के लिए मास्क, सैनिटाइजर एवं सावधानियां तीनों चीजों का उपयोग किया। लेकिन जब कोरोना पुनः फैलने लगा, तो हम लोगों के दिलो दिमाग से यह तीनों चीजें गायब हो गई है। अब ना ही हमलोग मास्क लगा रहे हैं। ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। और ना ही सैनिटाइजर का उपयोग कर रहे हैं। और इसी का नतीजा है। कि स्थिति दिन प्रतिदिन भयावह होती जा रही है। गलती चाहे किसी की भी हो, हम सरकार की माने या, आम आदमी की माने, लेकिन गलती तो गलती ही है। वह मंत्री हो, विधायक हो, सांसद हो या किसी भी पद पर हो, अगर वह उपयोग नहीं कर रहे हैं। तो वह भी दोषी ही है। अर्थात इस समय मास्क अवश्य उपयोग कीजिए। मेरे कहने का यह मतलब है। कि ठीक है, कुछ समय के लिए मानते हैं, कि सरकार दोषी है। लेकिन अगर हमारे घर में किसी को कुछ भी दिक्कतें आती है। बीमारियां आती हैं। तो उसका भरपाई कौन करेगा। सरकार करेगी या हमें स्वयं करना पड़ेगा। उसकी भरपाई हमें ही करना पड़ेगा। तो हम क्यों नहीं सावधानी बरतें। सरकार की गलती जो भी हो। हम क्या कर रहे हैं। हम अपने कर्तव्यों का निर्वाह कर रहे हैं। कि नहीं कर रहे हैं। इस विषय पर अवश्य ध्यान देना चाहिए। अगर सभी व्यक्ति अपने कर्तव्यों का निर्वाह करें। तो हमलोग कोरोना को हरा सकते हैं। हम किसी पर दोषारोपण नहीं कर सकते। अपनी गलती सुधारने के लिए स्वयं को प्रयास करना पड़ेगा। आज भी बहुत सारे लोग बिना मास्क की घूमते नजर आ जाएंगे। या मास्क लगाए रहेंगे, तो मास्क नीचे किए रहेंगे। घर आते हैं तो कोरोना संबंधित नियमों का सही से पालन नहीं करते हैं। और ना ही औरों को पालन करने के लिए प्रेरित करते हैं। अगर अब भी हम लोग नहीं सुधरे तो हमलोगों को बहुत ही पीछे जाना पड़ेगा। और इसका भुगतान सरकार नहीं हमें स्वयं करना पड़ेगा। इसलिए कृपया दूरियां बनाइए और स्वस्थ रहिए सुरक्षित रहिए। सरकार अपनी भरपाई करने के लिए मूल्यों में वृद्धि कर देगी। लेकिन आप अपना कैसे भरपाई करेंगे। आपको तो अपनी रोजमर्रा की चीजों का उपयोग करना ही पड़ेगा। आप जैसे भी करें, खरीदना तो पड़ेगा ही, इसलिए समझिए विचार कीजिए। और अपने जीवन की रक्षा स्वयं कीजिए। और औरों को भी प्रेरित कीजिए। इस लेखनी को लिखने का मतलब किसी को दुखी करना नहीं है। किसी के हृदय को ठेस पहुंचाना नहीं है। आप स्वस्थ रहिए। सुरक्षित रहिए। और प्रभु जल्द से जल्द इस संकट को दूर करें। ईश्वर से प्रार्थना कीजिए।
लेखनी - शशि शंकर पटेल जी ( सचिव - यू.एस.एस.फाउण्डेशन )
संस्था में गाया जाने वाला प्रार्थना ।। जयति जय जय माँ सरस्वती ।। जयति वीणा धारणी जयति पद्मासना माता जयति शुभ वरदायिनी जगत का कल्याण कर माँ तुम हो विघ्न विनाशिनी ।। जयति जय जय माँ सरस्वती ।। कमल आसन छोड़ कर माँ देख जग की वेदना शान्ति की सरिता बहा दे फिर से जग में जननी माँ ।। जयति जय जय माँ सरस्वती ।। ।। जयति जय जय माँ सरस्वती ।। ।। जयति जय जय माँ सरस्वती ।।