U.P.Gov.Reg.no. 615 /16-17 मनुष्य की सहायता प्रथम धर्म है। उ.प्र.सरकार पंजी. सं. 615 /16-17
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संस्था यू.एस.एस.फाउंडेशन द्वारा संचालित सशक्त नारी की प्रदेश अध्यक्ष मंजू गोस्वामी आप सभी माताओं बहनों एवं बेटियों को विश्व महिला दिवस की ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं। नारी समाज का वह स्वरूप होता है। जिसमें सेवा और समर्पण की भावना होती है। नारी सदैव मातृशक्ति का स्वरूप है। नारी अपने अनेकों रूपों में अपने अनेकों कर्तव्यों का निर्वाह करती है। देश व समाज के उत्थान के लिए हर संभव कोशिश करती है। नारी जो शक्ति का भंडार है।जिसमें हर गुण हर समय विद्यमान रहते हैं। नारी ने विश्व के सभी ऊंचाइयों को छुआ है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा सभी क्षेत्र में अपने कदम रखें हैं। नारी शब्द ही अतुलनीय है। जिसमें अनेकों परिस्थितियों में कार्य करने की क्षमता होती है। पूरा विश्व, देश, राज्य, जिला, कस्बा या समाज कोई भी जगह हो। जहां नारियां आगे बढ़ती है। उस क्षेत्र का, उस जगह का स्वरूप बदलता है। इतिहास गवाह है। नारियों ने सदैव घर, समाज के साथ-साथ देश का भी रक्षा किया है। देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाई है। नारियां वीरांगना का रूप है। नारी शक्ति का प्रतीक है। कभी हार न मानना, सदैव अपने पथ पर अडिग रहना। सारे कष्ट को झेलते हुए, आगे बढ़ते जाना और सदैव राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना रखना। नारी पूजनीय है। और ममता का भंडार है। ममता की खान है। नारी के अनेकों रूप है। वह सर्वगुण संपन्न है। संस्था ने अनेकों कार्य नारी को स्वावलंबी बनाने के लिए किया है। जिसमें प्रथम कार्य कौशल विकास कार्यक्रम चलाकर लगातार एक हजार से ज्यादा लड़कियों को, माताओं को सिलाई, मेहंदी, ब्यूटीशियन में प्रशिक्षित किया है। जो इस समय खुद ब खुद अपने पैरों पर खड़े होकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। अब वह घर परिवार को चलाने के साथ-साथ खुद अपने पैरों पर खड़ी है। और दूसरों को भी रोजगार प्रदान कर रही हैं। सशक्त नारी जो मंजू गोस्वामी जी की अध्यक्षता में चलाया जा रहा है। जिसका सदैव उदेश रहा है। माताएं बेटियां बहनों को स्वावलंबी बनाना। उनको रोजगार परक बनाना। उनको रोजगार दिलाना। और सदैव अच्छे कार्य के लिए प्रोत्साहित करते रहना। अपने पैरों पर खड़े हो सके इसके लिए जो भी कार्य कर सकें उसमें उनको प्रोत्साहित करना।
लेखनी - शशि शंकर पटेल जी ( सचिव - यू.एस.एस.फाउण्डेशन )
संस्था में गाया जाने वाला प्रार्थना ।। जयति जय जय माँ सरस्वती ।। जयति वीणा धारणी जयति पद्मासना माता जयति शुभ वरदायिनी जगत का कल्याण कर माँ तुम हो विघ्न विनाशिनी ।। जयति जय जय माँ सरस्वती ।। कमल आसन छोड़ कर माँ देख जग की वेदना शान्ति की सरिता बहा दे फिर से जग में जननी माँ ।। जयति जय जय माँ सरस्वती ।। ।। जयति जय जय माँ सरस्वती ।। ।। जयति जय जय माँ सरस्वती ।।