U.P.Gov.Reg.no. 615 /16-17 मनुष्य की सहायता प्रथम धर्म है। उ.प्र.सरकार पंजी. सं. 615 /16-17
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आज सभी राजनीति दल के लोग गांव को गोद ले रहे हैं। लेकिन वहां की परिस्थितियाँ अलग होती है। लाखों करोड़ों रुपए खर्च हो जाते हैं। एक गांव को सुधारने में और उसके बाद सरकार परिवर्तित होती है। और परिस्थितियाँ जस की तस पहले जैसी हो जाती है। क्योंकि जब तक सरकार सत्ता में रहती है। तब तक ही उस गांव को सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। या मिलती है। सरकार परिवर्तित होती है। और सुविधाएं खत्म हो जाती है। व्यवस्थाएं खत्म हो जाती है। लेकिन अगर राजनेता बच्चो को जितनी भी क्षमता है। उतने बच्चों को गोद ले तो परिस्थितियाँ ही कुछ अलग होगी। अगर किसी एक बच्चे को भी सुधारते हैं। या उसके जीवन को प्रकाशमय करते हैं। तो उसका आने वाला संपूर्ण भविष्य प्रकाशमय हो जाता है। अगर एक भी बच्चे को समाज की मुख्यधारा से जोड़ते हैं। तो उसमें होने वाला परिवर्तन उसके पीढ़ी दर पीढ़ी परिवर्तन लाते रहता है। और समाज में एक अद्भुत उत्साह का प्रकाश चारों तरफ फैलाता है। उन सभी लोगों से अनुरोध है। कि उस युवा पीढ़ी को गोद लीजिए। जो देश और समाज को प्रकाशमय कर सकें। नर सेवा नारायण सेवा की तरह है। लेखनी का उद्देश्य किसी के मन, व्यक्तित्व, विचार को ठेस पहुंचाना नहीं, बल्कि मानवता को जागृत करना है।
लेखनी - शशि शंकर पटेल जी ( सचिव - यू.एस.एस.फाउण्डेशन )
संस्था में गाया जाने वाला प्रार्थना ।। जयति जय जय माँ सरस्वती ।। जयति वीणा धारणी जयति पद्मासना माता जयति शुभ वरदायिनी जगत का कल्याण कर माँ तुम हो विघ्न विनाशिनी ।। जयति जय जय माँ सरस्वती ।। कमल आसन छोड़ कर माँ देख जग की वेदना शान्ति की सरिता बहा दे फिर से जग में जननी माँ ।। जयति जय जय माँ सरस्वती ।। ।। जयति जय जय माँ सरस्वती ।। ।। जयति जय जय माँ सरस्वती ।।